शनिवार, 16 मई 2020

हमसफ़र

 हमसफ़र



मोहब्बत की उम्र,
मेरे नसीब से बड़ कर मिली मुझे...

लेकिन...

मेरे हमसफर के साथ जीने के लिए,
बस मेरी ही उम्र कम पड़ गयी...

-शहनाज़ ख़ान

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